Uttar Pradesh Teacher Eligibility Test (UPTET) Exam
UPTET Selection Process
UPTET चयन प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:
चरण 1- UPTET परीक्षा में दो पेपर होते हैं। पेपर- I को उन उम्मीदवारों द्वारा दिया जाना चाहिए जो कक्षा 1-5 को पढ़ाने की योजना बना रहे हैं। पेपर- II उन उम्मीदवारों द्वारा दिया जाना चाहिए जो कक्षा 6-8 को पढ़ाने की योजना बना रहे हैं। कक्षा 1-8 को पढ़ाने की योजना बनाने वाले उम्मीदवारों को दोनों पेपरों के लिए उपस्थित होना होगा।
चरण 2- UPTET परिणाम UPBEB द्वारा परीक्षा की आधिकारिक वेबसाइट पर घोषित किया जाता है। लिखित परीक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को यूपीटीईटी योग्य घोषित किया जाता है।
चरण 3- लिखित परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को यूपीबीईबी द्वारा पात्रता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। प्रमाण पत्र रखने वाले उम्मीदवार उत्तर प्रदेश के स्कूलों में शिक्षण नौकरियों के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। UPTET की वैधता को जीवन भर के लिए वैध होने के लिए संशोधित किया गया है। अभी तक UPTET का सर्टिफिकेट सिर्फ पांच साल के लिए ही वैलिड था।
UPTET PATTERN
- यूपी टीईटी की परीक्षा के सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ (Objective) प्रकार के होंगे तथा प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 नंबर निर्धारित होगा।
- इस परीक्षा में किसी भी प्रकार की नेगवटिव मार्किंग नहीं होगी।
- प्रथम प्रश्न पत्र ऐसे ब्यक्ति के लिए होगा जो 1 से 5 तक के लिए शिक्षक बनना चाहते हैं।
- द्वितीय प्रश्न पत्र ऐसे ब्यक्ति के लिए होगा जो 6 से 8 तक के लिए शिक्षक बनना चाहते हैं।
- जो व्यक्ति 1 से 5 और 6 से 8 दोनों के शिक्षक बनना चाहते हैं उन्हें दोनों पेपरों में शामिल होना पड़ेगा।
- दोनों प्रश्नपत्रों की परीक्षा की अवधि 2:30 घंटे की होगी तथा प्रश्नो की संख्या 150 होगी।
UPTET Syllabus – प्राथमिक स्तर (1 से 5 तक)
पेपर I में UPTET परीक्षा पैटर्न के अनुसार निम्नलिखित 5 खंडों के प्रश्न शामिल होंगे। प्रत्येक खंड में 30 प्रश्न होंगे, जिनमें से प्रत्येक में 1 अंक होगा। उम्मीदवारों द्वारा दिए गए किसी भी गलत उत्तर के लिए, कोई अंक नहीं काटा जाएगा। टेस्ट पेपर I के लिए, नीचे दी गई टेबल में UPTET परीक्षा पैटर्न दिया हुआ है।
UPTET PATTERN PAPER-1
विषय-वस्तु |
प्रश्नों की संख्या |
अंक |
बाल विकास और शिक्षण विधि |
30 |
30 |
भाषा प्रथम (हिंदी) |
30 |
30 |
भाषा द्वितीय (अंग्रेजी / उर्दू / संस्कृत) |
30 |
30 |
गणित |
30 |
30 |
पर्यावरणीय अध्ययन |
30 |
30 |
कुल |
150 |
150 |
UPTET Syllabus – प्राथमिक स्तर (6 से 8 तक)
UPTET पेपर II परीक्षा पैटर्न के अनुसार, इसमें चार खंडों से प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा ऑफ़लाइन मोड में होगी और पेपर II पूरा करने के लिए, उम्मीदवारों को 2 घंटे और 30 मिनट दिए जाएंगे।
UPTET PATTERN PAPER – 2
विषय |
प्रश्नों की संख्या |
अंक |
बाल विकास |
30 |
30 |
भाषा प्रथम- हिंदी |
30 |
30 |
भाषा द्वितीय- अंग्रेजी/ उर्दू/ संस्कृत |
30 |
30 |
विज्ञान एवं गणित या सामाजिक विज्ञान |
60 |
60 |
कुल |
150 |
150 |
UP TET Syllabus & Exam Pattern
अधिकारियों ने इच्छुक उम्मीदवारों के लिए UPTET पाठ्यक्रम (UPTET Syllabus) निर्धारित किया है। यूपीटीईटी परीक्षा पैटर्न के साथ ही उम्मीदवारों को परीक्षा पाठ्यक्रम की भी जानकारी जुटा लेनी चाहिए। UPTET के पाठ्यक्रम में उन सभी विषयों और अध्यायों को शामिल किया जाएगा जहां से परीक्षा में प्रश्न पूछे जाएंगे। निम्नलिखित अनुभागों से प्रश्न पूछे जाएंगे:
UPTET Syllabus – प्राथमिक स्तर (1 से 5 तक) पेपर – I:
1- बाल विकास और शिक्षण विधियां [30 प्रश्न]
(क) बाल विकास (कक्षा 1 से 5, 6 से 11 आयु समूह के लिए प्रासंगिक) [15 प्रश्न]
- विकास की अवधारणा तथा अधिगम के साथ उसका सम्बन्ध
- बालकों के विकास के सिद्धांत
- आनुवांशिकता और पर्यावरण का प्रभाव
- सामाजिकीकरण प्रक्रियाएं: सामाजिक विश्व और बालक (शिक्षक, अभिभावक और मित्रगण)
- पाइगेट, कोलबर्ग और वायगोट्स्की: निर्माण और विवेचित संदर्श
- बाल-केन्द्रित और प्रगामी शिक्षा की अवधारणाएं
- बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श
- बहु-आयामी बौद्धिकता
- भाषा और चिंतन समाज निर्माण के रूप में लिंग: लिंग भूमिकाएं. लिंग-पूर्वाग्रह और शैक्षणिक व्यवहार
- शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता पर आधारित विभेदों को समझाना
- अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम का मूल्यांकन के बीच अंतर, विद्यालय आधारित मूल्यांकन,
- सतत एवं व्यापक मूल्यांकन: संदर्श और व्यवहार
- शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए; कक्षा में शिक्षण और विवेचित चिंतन के लिए तथा शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना।
(ख) समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवश्यकता वाले बालकों को समझना [5 प्रश्न]
- गैर-लाभप्राप्त और अवसर-वंचित शिक्षार्थियों सहित विभिन्न पृश्ठभूमियों से आए शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
- अधिगम संबंधी समस्याएं, कठिनाई वाले बालकों की आवश्यकताओं को समझना।
- मेधावी, सृजनशील, विशिष्ट प्रतिभावान शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।।
(ग) अधिगम और अध्यापन [10 प्रश्न]
- बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं, बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों असफल होते हैं।
- अधिगम और अध्यापन की बुनियादी प्रक्रियाएं, बालकों की अधिगम कार्यनीतियां सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगमः अधिगम के सामाजिक संदर्भ ।
- एक समस्या समाधानकर्ता और एक वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बालक।
- बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना, अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक की त्रुटियों को समझना। बोध और संवेदनाएं प्रेरणा और अधिगम
- अधिगम में योगदान देने वाले कारक – निजी एवं पर्यावरणीय।।
2. भाषा-I [30 प्रश्न]
(क) भाषा बोधगम्यता [15 प्रश्न]
अनदेखे अनुच्छेदों को पढ़ना – दो अनुच्छेद एक गद्य अथवा नाटक और एक कविता जिसमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होंगे (गद्य अनुच्छेद साहित्यिक, वैज्ञानिक, वर्णनात्मक अथवा तर्कमूलक हो सकता है)
(ख) भाषा विकास का अध्यापन [15 प्रश्न]
- अधिगम और अर्जन भाषा अध्यापन के सिद्धांत
- सुनने और बोलने की भूमिकाः भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं। मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की। भूमिका पर निर्णायक संदर्श । एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाईयां, त्रुटियां और विकार
- भाषा कौशल
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना
- अध्यापन – अधिगम सामग्रियां: पाठ्यपुस्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन
- उपचारात्मक अध्यापन
3. भाषा – ॥ [30 प्रश्न]
(क) बोधगम्यता [15 प्रश्न]
दो अनदेखे गद्य अनुच्छेद (तर्कमूलक अथवा साहित्यिक अथवा वर्णनात्मक अथवा वैज्ञानिक) जिनमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होंगे।
(ख) भाषा विकास का अध्यापन [5 प्रश्न]
- अधिगम और अर्जन भाषा अध्यापन के सिद्धांत
- सुनने और बोलने की भूमिका; भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं।
- मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां: भाषा की कठिनाइयां, त्रुटियां और विकार भाषा कौशल भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना
- अध्यापन अधिगम सामग्री पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन
- उपचारात्मक अध्यापन
4- गणित
(क) विषय-वस्तु
ज्यामिति |
मापन |
आकार और स्थानिक समझ |
भार |
हमारे चारों ओर विद्यमान ठोस पदार्थ |
समय परिमाण |
संख्याएं |
आंकड़ा प्रबंधन |
जोड़ना और घटाना |
पैटर्न |
गुणा करना |
राशि |
विभाजन |
(ख) अध्यापन संबंधी मुद्दे [15 प्रश्न]
गणितीय/तार्किक चिंतन की प्रकृति, बालक के चिंतन एवं तर्कशक्ति पैटर्नी तथा अर्थ निकालने और अधिगम की कार्यनीतियों को समझना |
औपचारिक एवं अनौपचारिक पद्धतियों के माध्यम से मूल्यांकन |
पाठ्यचर्या में गणित का स्थान |
शिक्षण की समस्याएं |
गणित की भाषा |
त्रुटि विश्लेषण तथा अधिगम एवं अध्यापन के प्रासंगिक पहलू |
सामुदायिक गणित |
नैदानिक एवं उपचारात्मक शिक्षण |
5- पर्यावरणीय अध्ययन
(क) विषय-वस्तु [15 प्रश्न]
परिवार और मित्र |
भोजन |
संबंध |
आश्रय |
कार्य और खेल |
पानी |
पशु |
भ्रमण |
पौधे |
वे चीजें जो हम बनाते और करते हैं |
(ख) अध्यापन संबंधी मुद्दे [15 प्रश्न]
पर्यावरणीय अध्ययन की अवधारणा और व्याप्ति |
क्रियाकलाप |
पर्यावरणीय अध्ययन का महत्व, एकीकृत पर्यावरणीय अध्ययन |
प्रयोग/व्यावहारिक कार्य चर्चा |
पर्यावरणीय अध्ययन एवं पर्यावरणीय शिक्षा |
सतत् व्यापक मूल्यांकन |
अधिगम सिद्धांत |
शिक्षण सामग्री/उपकरण |
विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की व्याप्ति और संबंध |
समस्याएं |
अवधारणा प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण |
UPTET Syllabus 2021 – प्राथमिक स्तर (6 से 8 तक) पेपर – II:
पेपर ।। (कक्षा VI से VI॥ के लिए) उच्च प्राथमिक स्तर [30 प्रश्न]
1- बाल विकास और अध्यापन [30 प्रश्न]
(क) बाल विकास (कक्षा 6 से 8, 11 से 14 आयु समूह के लिए प्रासंगिक) [15 प्रश्न]
विकास की अवस्था तथा अधिगम से उसका संबंध |
बहु-आयामी बौद्धिकता |
बालक के विकास के सिद्धांत । |
भाषा और चिंतन |
आनुवांशिकता और पर्यावरण का प्रभाव सामाजिकीकरण दबाव: सामाजिक विश्व और बालक (शिक्षक, अभिभावक और मित्रगण) |
समाज निर्माण के रूप में लिंग: लिंग भूमिकाएं. लिंग-पूर्वाग्रह और शैक्षणिक व्यवहार शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता पर आधारित विभेदों को समझना। |
पाइगेट, कोलबर्ग और वायगोट्स्की : निर्माण और विवेचित संदर्श |
अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम के मूल्यांकन के बीच अंतर, विद्यालय आधारित मूल्यांकन, सतत एवं व्यापक मूल्यांकन : संदर्श और व्यवहार |
बाल-केन्द्रित और प्रगामी शिक्षा की अवधारणाएं |
शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए, कक्षा में शिक्षण और विवेचित चिंतन के लिए तथा शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना। |
बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श |
2- भाषा-I [30 प्रश्न]
(क) भाषा बोधगम्यता [15 प्रश्न]
अनदेखे अनुच्छेदों को पढ़ना – दो अनुच्छेद एक गद्य अथवा नाटक और एक कविता जिसमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होंगे (गद्य अनुच्छेद साहित्यिक, वैज्ञानिक, वर्णनात्मक अथवा तर्कमूलक हो सकता है)
(ख) भाषा विकास का अध्यापन [15 प्रश्न]
- अधिगम अर्जन |
- भाषा अध्यापन के सिद्धांत
- सुनने और बोलने की भूमिका, भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं। मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर विवेचित संदर्श
- एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां: भाषा की कठिनाइयां, त्रुटियां और विकार
- भाषा कौशल
- भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना : बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना
- अध्यापन – अधिगम सामग्रियां: पाठ्यपुस्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन
- उपचारात्मक अध्यापन
3. भाषा-II [30 प्रश्न]
(क) बोधगम्यता [15 प्रश्न]
दो अनदेखे गद्य अनुच्छेद (तर्कमूलक अथवा साहित्यिक अथवा वर्णनात्मक अथवा वैज्ञानिक) जिनमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से सम्बन्धित प्रश्न होंगे।
(ख) भाषा विकास का अध्यापन [15 प्रश्न]
अधिगम और अर्जन |
भाषा कौशल |
भाषा अध्यापन के सिद्धांत |
भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना |
सुनने और बोलने की भूमिका, भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं |
अध्यापन- अधिगम सामग्री: पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन |
मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर विवेचित संदर्श |
उपचारात्मक अध्यापन |
एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां भाषा की कठिनाईयां, त्रुटियां और विकार |
4. (क) गणित एवं विज्ञान [60 प्रश्न]
(1) गणित [30 प्रश्न]
(क) विषय-वस्तु [20 प्रश्न]
अंक प्रणाली । |
(i) अंकों को समझना |
(ii) अंकों के साथ खेलना |
|
(iii) पूर्ण अंक |
|
(iv) नकारात्मक अंक और पूर्णाक |
|
(v) भिन्न |
|
बीजगणित |
(i) बीजगणित का परिचय |
(ii) समानुपात और अनुपात |
|
ज्यामिति |
(i) मूलभूत ज्यामितिक विचार (2-डी) |
(i) बुनियादी आकारों को समझना |
|
(iii) सममिति । |
|
(iv) निर्माण (सीधे किनारे वाले मापक, कोणमापक, परकार का प्रयोग करते हुए) |
|
क्षेत्रमिति |
(ख) अध्यापन संबंधी मुद्दे [10 प्रश्न]
गणितीय/तार्किक चिंतन की प्रकृति |
मूल्यांकन |
पाठ्यचर्या में गणित का स्थान |
उपचारात्मक शिक्षण |
गणित की भाषा |
शिक्षण की समस्याएं |
सामुदायिक गणित |
(2) विज्ञान [30 प्रश्न]
(क) विषय-वस्तु [20 प्रश्न]
भोजन |
चीजें, लोगों और विचारों को स्थानांतरित करना |
भोजन के स्रोत |
चीज़ें कैसे काम करती है |
भोजन के घटक |
इलेक्ट्रिक सर्किट |
भोजन को साफ करना |
चुंबक |
सामग्री |
प्राकृतिक घटना |
दैनिक उपयोग की सामग्री |
प्राकृतिक संसाधन |
जीवित प्राणियों की दुनिया |
(ख) अध्यापन संबंधी मुद्दे [10 प्रश्न]
विज्ञान की प्रकृति और संरचना |
पाठ्यचर्या सामग्री/सहायता-सामग्री |
प्राकृतिक विज्ञान/लक्ष्य और उद्देश्य |
मूल्यांकन – संज्ञात्मक/मनोप्रेरक/प्रभावन |
विज्ञान को समझना और उसकी सराहना करना |
समस्याएं |
दृष्टिकोण/एकीकृत दृष्टिकोण प्रेक्षण/प्रयोग/अन्वेषण (विज्ञान की पद्धति) |
उपचारात्मक शिक्षण |
अभिनवता |
5- (ख) सामाजिक अध्ययन
इतिहास |
शारीरिक शिक्षा और खेल |
नागरिकशास्र |
संगीत |
भूगोल |
बागवानी और फलों का संरक्षण |
पर्यावरण विज्ञान |
सामाजिक अध्ययन शिक्षाशास्त्र |
गृह विज्ञान |