बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म का परिचय

बौद्ध धर्म भारत की एक प्राचीन धार्मिक और दार्शनिक परंपरा है जिसकी स्थापना गौतम बुद्ध ने 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में की। यह धर्म अहिंसा, करुणा, सम्यक ज्ञान और मध्यम मार्ग पर आधारित है। बौद्ध धर्म न केवल भारत में बल्कि पूरी एशिया में फैलकर एक विश्व धर्म के रूप में स्थापित हुआ।

गौतम बुद्ध का जीवन

गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी (वर्तमान नेपाल) में 563 ईसा पूर्व में हुआ। उनका वास्तविक नाम सिद्धार्थ गौतम था। पिता का नाम शुद्धोधन और माता का नाम महामाया था। विवाह के बाद उन्होंने एक पुत्र, राहुल, को जन्म दिया।

29 वर्ष की आयु में, सिद्धार्थ ने जीवन के दुख, बीमारी, बुढ़ापा और मृत्यु के सत्य को देखकर गृह त्याग कर संन्यास ले लिया। 6 वर्षों की कठोर तपस्या के बाद, बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे “बुद्ध” कहलाए।

बौद्ध धर्म के प्रमुख सिद्धांत

बुद्ध ने जीवन के दुखों और उनके निवारण के लिए चार आर्य सत्य और अष्टांगिक मार्ग का उपदेश दिया।

चार आर्य सत्य

  1. दुःख – संसार में दुःख है।
  2. दुःख समुदय – दुःख का कारण तृष्णा है।
  3. दुःख निरोध – तृष्णा के नाश से दुःख समाप्त होता है।
  4. दुःख निरोध गामिनी प्रतिपदा – दुःख निवारण के लिए अष्टांगिक मार्ग का पालन।

अष्टांगिक मार्ग

  • सम्यक दृष्टि
  • सम्यक संकल्प
  • सम्यक वाणी
  • सम्यक कर्मांत
  • सम्यक आजीव
  • सम्यक व्यायाम
  • सम्यक स्मृति
  • सम्यक समाधि

बौद्ध धर्म में त्रिरत्न

बौद्ध धर्म में अनुयायी तीन रत्नों में शरण लेते हैं:

  • बुद्ध – जाग्रत व्यक्ति
  • धम्म – बुद्ध की शिक्षाएँ
  • संघ – भिक्षुओं का समुदाय

बौद्ध धर्म का प्रसार

गौतम बुद्ध के निर्वाण (483 ईसा पूर्व) के बाद उनके अनुयायियों ने धर्म के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मौर्य सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म को राज्य का प्रमुख धर्म बनाकर पूरे भारत, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, चीन, जापान और तिब्बत में फैलाया।

बौद्ध धर्म के संप्रदाय

  • हीनयान – व्यक्तिगत मुक्ति पर बल, साधारण भिक्षुओं का मार्ग।
  • महायान – सभी प्राणियों के कल्याण के लिए बोधिसत्व आदर्श।
  • वज्रयान – तांत्रिक साधना और मंत्रों का प्रयोग।

बौद्ध धर्म के ग्रंथ

बौद्ध धर्म के प्रमुख ग्रंथ त्रिपिटक हैं, जिनमें विनय पिटक, सुत्त पिटक और अभिधम्म पिटक शामिल हैं। ये मुख्यतः पाली भाषा में लिखे गए।

बौद्ध धर्म के प्रमुख स्थल

  • लुंबिनी – जन्म स्थान
  • बोधगया – ज्ञान प्राप्ति
  • सारनाथ – प्रथम उपदेश
  • कुशीनगर – महापरिनिर्वाण

बौद्ध धर्म का पतन

भारत में बौद्ध धर्म का पतन 7वीं-8वीं शताब्दी में शुरू हुआ। हिंदू धर्म का पुनरुत्थान, बौद्ध संघ में भ्रष्टाचार, और विदेशी आक्रमण इसके कारण बने।

आधुनिक समय में बौद्ध धर्म

आज बौद्ध धर्म पूरी दुनिया में फैला हुआ है और लाखों लोग इसकी शिक्षाओं से प्रेरित हैं। भारत में भी डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में 20वीं सदी में बौद्ध धर्म का पुनर्जागरण हुआ।

निष्कर्ष

बौद्ध धर्म केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है जो करुणा, शांति और आत्मज्ञान की ओर ले जाता है। इसकी शिक्षाएँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी 2500 वर्ष पहले थीं।


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