संख्या पद्धति (NUMBER SYSTEM)

✍️ गणित: संख्या पद्धति (Number System) – हिंदी में सम्पूर्ण जानकारी:
गणित की दुनिया में सबसे बुनियादी और महत्वपूर्ण विषयों में से एक है संख्या पद्धति (Number System)। यह विषय न केवल छात्रों के लिए आवश्यक है, बल्कि हर प्रतियोगी परीक्षा जैसे SSC, Bank, Railway, UPSC, NDA, CTET, और अन्य परीक्षाओं में इसके प्रश्न जरूर पूछे जाते हैं।
इस ब्लॉग में हम संख्या पद्धति के सभी महत्वपूर्ण टॉपिक्स को विस्तार से समझेंगे, जैसे – संख्या क्या होती है, विभिन्न प्रकार की संख्याएँ, संख्याओं की प्रणाली, रूपांतरण, महत्त्वपूर्ण सूत्र और प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले ट्रिक्स।
📌 संख्या पद्धति क्या है?
संख्या पद्धति वह तरीका है जिसके माध्यम से हम संख्याओं को पढ़ते, लिखते और समझते हैं। यह हमें संख्याओं को गणनात्मक रूप में प्रस्तुत करने और उपयोग करने की सुविधा देती है।
वह पद्धति जिसमें विभिन्न संख्या और उनके गुणन का अध्ययन किया जाता है। “संख्या पद्धति” कहलाती है। अथवा किसी भौतिक राशि के परिणामों को बोध कराने के लिए जिस पद्धति का प्रयोग किया जाता हैं।
संख्या पद्धति को उनके गुणो के अनुसार निम्नलिखित भागो में बाटा गया है –
प्राकृतिक संख्या (Natural Number):-
ऐसी संख्याएँ जो वस्तुओं के गिनने के काम आती है उन्हें प्राकृतिक संख्या कहते हैं प्राकृतिक संख्या को N प्रकट करते हैं। 0 प्राकृतिक संख्या नहीं होती है
उदाहरण में- N = { 1, 2, 3, 4, 5 ………… ∞ }
पूर्ण संख्याऐं (Whole Numbers):-
यदि प्राकृतिक संख्या में 0 को शामिल कर लिया जाय तो जो संख्याएँ प्राप्त होती है वे संख्याएँ पूर्ण संख्याएँ होती है पूर्ण संख्या को W से प्रकट करते हैं।
जैसे-: 0, 1, 2, 3, 4 ….. ∞
नोट:- सभी पूर्ण संख्याएं, धनात्मक पूर्णांक, परिमेय एवं वास्तविक होती है। सभी प्राकृतिक संख्याएं पूर्ण संख्या है, लेकिन सभी पूर्ण संख्या प्राकृतिक संख्या नहीं है। जैसे-: 0
पूर्णांक संख्याएँ (Integers Number):-
प्राकृतिक संख्या, शुन्य, तथा ऋणात्मक संख्याओं के समुह को ही पूर्णांक संख्याएँ कहते है पूर्णांक संख्याओं को I अथवा Z से प्रकट करते हैं।
उदाहरण में- Z = {∞ …..….-4,-3,-2,-1,0,1,2,3,4,…………∞ }
वास्तविक संख्या (Real no.):-
दशमलव भिन्न,ऋणात्मक, धनात्मक वर्गमूल, मिश्र सभी वास्तविक संख्याएं हैं 3/4,1/2,-17,8.7
Exception- अवास्तविक= -1/0,√-l
सम संख्याऐं (Even numbers):–
दो से विभाजित होने वाली प्राकृतिक संख्या “सम संख्याऐं” कहलाती है। सम संख्याओं को E से प्रकट करते है।
जैसे-: 2, 4, 6, 8…….∞
विषम संख्याऐं (Odd numbers):–
वे प्राकृतिक संख्या जो 2 से विभाजित नहीं होती हो “विषम संख्याएं” कहलाती है। विषम संख्याओं को O से प्रकट करते है।
जैसे:-1, 3, 5……. ∞
भाज्य संख्या (Co-Prime Numbers):–
ऐसी प्राकृतिक संख्या जो 1 या अपने को छोड़कर अन्य संख्या से विभाजित हो, “भाज्य संख्या” कहलाती है। जैसे:- 4, 6, 9 ……
अभाज्य संख्या (Prime Numbers or Composite Number):–
वे प्राकृतिक संख्या जो केवल 1 या अपने आप से विभाजित हो सके,अभाज्य संख्याएं कहलाती है।
जैसे:-2, 3, 5, 7 …..
परिमेंय संख्याएँ (Rational Number):-
ऐसी संख्याएँ जो p/q के रुप में होती हैं जहाँ p और q पूर्णांक संख्याएँ है और q≠0 है इसका मतलब यह है कि q का मान 0 के बराबर नही होगा । परिमेय संख्याओं को Q से प्रकट करते है।
जैसे- 5/7, 8/9, 4/7, 0, 7/9 इत्यादि
अपरिमेंय संख्याएँ (Irrational Number):-
परिमेय संख्याओं को छोड़कर जितनी संख्याएँ होती है, अपरिमेय सख्याएँ होती है ।
जैसे:- √2, √3, -√2, -√3, √5 , π , √7 …… इत्यादि
वास्तविक संख्याएँ (Real Number):-
परिमेय तथा अपरिमेय संख्याओं के समुच्चय को ही वास्तविक संख्याएँ कहा जाता है।
जैसे:- 2/3, 8/9, 7/10, 0, √2, √3, -√2, -√3, √5 , π , √7 …… इत्यादि
दशमलव भिन्न (Decimal Fraction):-
ऐसी भिन्नात्मक संख्याएँ जिनका हर 10 हो या 10 की घात हो उसे दशमलव भिन्न कहते हैं ।
जैसे: -7/10, 17/100, 11/1000, 3/10000, …… इत्यादि
अत्रिभाज्य संख्याएँ (Prime Triplet Number):-
वे तीन प्राकृतिक संख्याएँ जिनका महत्तम समापवर्तक (H.C.F) 1 हो, अत्रिभाज्य संख्याएँ कहलाती है ।
जैसे:- 8 , 9 तथा 25 अत्रिभाज्य संख्याएँ है
100 तक की अभाज्य संख्याएं
2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19, 23, 29, 31, 37, 41, 43, 47, 53, 59, 61, 67, 71, 73, 79, 83, 89, 97= कुल 25 संख्याएं
Note –
- 1 न तो भाज्य संख्या है, और न ही अभाज्य संख्या।
- 2 सबसे छोटी अभाज्य संख्या है
- 2 एक मात्र ऐसी सम संख्या है,जो रूढ़ संख्या भी है।
- 3 सबसे छोटी विषम अभाज्य संख्या है।
- 4 सबसे छोटी भाज्य संख्या है।
- 9 सबसे छोटी विषम भाज्य संख्या है।
- 1 से 100 तक कुल अभाज्य संख्या-25
- 1 से 50 तक कुल अभाज्य संख्या-15
- 1 से 25 तक कुल अभाज्य संख्या-9
- 25 से 50 तक कुल अभाज्य संख्या-6
- 50 से 100 तक कुल अभाज्य संख्या-10
- अंक 0 से 9 तक होते हैं अतः अंको की संख्या 10 होती है
- संख्या 1 से शुरु होती है संख्या अनंत होती है
- एक अंकीय संख्या 9 होती है
- दो अंकीय संख्या 90 होती है
- तीन अंकीय संख्या 900 होती हैं
- चार अंकीय संख्या 9000 होती हैं
इसी प्रकार …
- 1 से 100 तक की संख्याओ में शून्य के अंक 11 होते हैं,
- 1 से 100 तक की संख्याओ में एक के अंक 21होते हैं
- 1 से 100 तक की संख्याओ में 2 से 9 तक प्रत्येक अंक 20 बार आते है
- 1 से 100 तक की संख्याओ में कुल अंक 192 होते हैं
कैसे :-
- 1 से 100 तक इकाई अंक = 100
- 1 से 100 तक दहाई अंक = 91
- 1 से 100 तक सैकड़ा के अंक = 1
- Total = 100+ 91+1 =192
🧠 महत्त्वपूर्ण संकल्पनाएँ और नियम (Key Concepts & Rules)
- सम संख्या (Even Numbers): 2 से विभाजित होने वाली संख्याएँ (जैसे 2, 4, 6…)
- विषम संख्या (Odd Numbers): 2 से विभाजित न होने वाली संख्याएँ (जैसे 1, 3, 5…)
- अभाज्य संख्या (Prime Numbers): जिनका केवल दो भाजक होते हैं – 1 और स्वयं (जैसे 2, 3, 5, 7…)
- समग्र संख्या (Composite Numbers): जिनके दो से अधिक भाजक हों (जैसे 4, 6, 8…)
- परिपूर्ण संख्या (Perfect Number): जिनका योग उसके गुणकों के बराबर हो (जैसे 6 = 1 + 2 + 3)
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✍️ कुछ महत्वपूर्ण सूत्र (Important Formulas)
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प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं का योग:
Sum=n(n+1)2\text{Sum} = \frac{n(n+1)}{2} -
प्रथम n विषम संख्याओं का योग:
Sum=n2\text{Sum} = n^2 -
प्रथम n सम संख्याओं का योग:
Sum=n(n+1)\text{Sum} = n(n+1) -
दो संख्याओं का LCM और HCF:
LCM × HCF=संख्याओं का गुणनफल\text{LCM × HCF} = \text{संख्याओं का गुणनफल}
📋 प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ट्रिक्स (Short Tricks for Competitive Exams)
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दो संख्याओं का LCM और HCF निकालने के लिए Vedic method अपनाएँ।
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Decimal से Binary बदलने में division method तेज होता है।
-
Prime Number याद रखने के लिए 1 से 100 तक के चार्ट का अभ्यास करें।
-
Square और Cube याद रखने से बहुत तेज़ी से उत्तर दिए जा सकते हैं।
📝 निष्कर्ष (Conclusion)
संख्या पद्धति गणित की नींव है। यदि आपकी इस विषय पर मजबूत पकड़ है, तो आप गणित के अन्य टॉपिक्स को आसानी से समझ सकते हैं। अभ्यास ही सफलता की कुंजी है, इसलिए प्रतिदिन कुछ समय संख्या पद्धति के प्रश्नों के लिए अवश्य निकालें।
FAQ Question and Answer :
Que. संख्या प्रणाली के 4 प्रकार क्या हैं?
Ans. गणित में विभिन्न प्रकार की संख्या प्रणालियाँ हैं जैसे दशमलव संख्या प्रणाली, बाइनरी संख्या प्रणाली, अष्टाधारी संख्या प्रणाली और षोडश आधारी संख्या प्रणाली ।
Que. गणित की संख्या प्रणाली क्या है?
Ans. गणित में संख्या प्रणाली क्या है? संख्या प्रणाली को संख्याओं को व्यक्त करने के लिए लिखने की एक प्रणाली के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह किसी दिए गए समूह की संख्याओं को अंकों या अन्य प्रतीकों का उपयोग करके एक सुसंगत तरीके से दर्शाने का गणितीय संकेतन है।
Que. पांच मुख्य प्रकार की संख्याएं कौन सी हैं?
Ans. वास्तविक संख्या प्रणाली के पाँच उपसमुच्चय हैं: प्राकृतिक संख्याएँ, पूर्ण संख्याएँ, पूर्णांक, परिमेय संख्याएँ और अपरिमेय संख्याएँ । इन पाँच उपसमुच्चयों के अंतर्गत, अन्य प्रकार की संख्याओं को भी वर्गीकृत किया जा सकता है, जिनमें सम, विषम, अभाज्य और भाज्य संख्याएँ शामिल हैं, लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं हैं।
Que.शून्य किस प्रकार की संख्या होती है?
Ans. इस प्रकार, शून्य को तटस्थ पूर्णांक या वह पूर्ण संख्या कहा जाता है जो संख्या रेखा पर धनात्मक और ऋणात्मक संख्याओं के बीच में आती है। शून्य का कोई धनात्मक या ऋणात्मक मान नहीं होता। हालाँकि, शून्य को एक पूर्ण संख्या माना जाता है, जो इसे एक पूर्णांक बनाता है, लेकिन ज़रूरी नहीं कि यह एक प्राकृत संख्या हो।